लेखनी कहानी - पार्क की वो औरत जिसे भूलना नामुनकिन है - डरावनी कहानियाँ
पार्क की वो औरत जिसे भूलना नामुनकिन है - डरावनी कहानियाँ
हेल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम अंकिता शर्मा है मै दिल्ली के आनन्द विहार की रहने वाली हु | मै पेशे से वकील हूँ | मेरे पति एक आईटी कम्पनी में मेनेजर है मेरे साथ जो घटना हुई है वो मैं आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताना चाहती हूँ |
यह घटना तब की है जब मैं 26 साल की थी और 7 महीने से प्रेग्नेंट थी और अपने बेबी का ख्याल रखने के लिए छुट्टियों पर थी | उस रात मेरे पति जब शाम को ऑफिस से लौटे तो हमने पास ही एक पार्क में टहलने का प्रोग्राम बनाया | रात के नौ बज रहे थे और हम अपनी कार से वहा पहुचे ताकि रात को वापस आते वक्त दिक्कत ना हो | वहा हमने देखा कि लोगबाग वहा टहल रहे थे हमने भी वहा आधे घंटे तक चहल कदमी की | फिर जब थक गये तो वापस चलने का निर्णय किया |
मेरे पति ड्राईवर सीट पर थे और मेने जैसे ही अपनी तरफ का कार का गेट खोला एक बुढी औरत मेरे ड्रेस को खीचने लगी | मेने इसे नार्मल बात समझकर , उसे बिना पैसे दिए कार में बैठ गयी |
हमारी कार 5 मिनट चली ही थी और जब हमारी गाडी लाल बत्ती पर रुकी तो फिर वोही बूढी औरत सामने दिखाई दी | मैंने इस पर ज्यादा ध्यान ना देते हुए घर पर पहुच गये |
अगली रात जब मेरे पति किसी बिज़नस वर्क के लिए शहर से बाहर गये हुए थे और मै घर पर अकेली थी | रात को 2 बजे के करीब जब मेरी नींद खुली तो जिसे मेने देखा वो देखकर मैं बुरी तरह से काँप गयी और आँखों पर विश्वास नहीं हुआ
मैंने देखा की वही बुढी औरत मेरे पलंग के बगल में बैठी हुई थी और कह रही थी “मेरे करीब आओं ”
एक बार तो मैंने सोचा की शायद मै सपना देख रही हु लेकिन जब मेने अपनी आँखे बंद कर वापस खोली तब भी वो वही खडी थी | मैरी दिल की धडकने बढ़ गयी और यह सोचकर की वो बच्चे को नुक्सान ना पहुचाये मैं घर के दरवाज़े की तरफ बढ़ गयी और बाहर निकलकर पड़ोसियों का दरवाज़ा खटखटाया |
मैं बुरी तरह से डरी हुई थी लेकिन मैंने पड़ोसियों को कुछ नहीं बताया ताकि वो कही मुझे पागल ना समझ बैठे | मैंने तुरंत अपने पति को फ़ोन किया और उसी वक़्त गाडी से सुबह पांच बजे तक घर आ गये | मैंने उनको सारी घटना बताई |
जब ये बात मेरी बात मेरी माँ को बताई तो वो तुरंत मेरे घर आ गयी और उन्होंने घर में छोटा सी पूजा करवाई ताकि वो बुढी औरत उसे दोबारा ना दिखे | उस पूजा के बाद मेने कभी उस बुढी औरत को नहीं देखा |
तो इस तरह फ्रेंड्स मेरी माँ की सलाह से मैं और मेरा बच्चा सुरक्षित रहे | दोस्तों अक्सर ऐसा होता है कि गर्भावस्था के दौरान आपको कुछ विशेष ऐसी जगहों का ध्यान रखना पड़ता है जहा से कुछ रूहे अक्सर साथ लग जाती है |